26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से आज NIA की पूछताछ का पहला दिन था। ..इंसाफ़ में अभी वक्त लगेगा..। ..लेकिन देश ने फैसला सुनाना शुरू कर दिया है कि इस आतंकी को कैसे फांसी देने का विधि-विधान क्या हो..।
...लोग अपना जजमेंट दे रहे हैं कि बक्सर की जेल में J-34 फाइबर की रस्सी से बना ये फंदा तहव्वुर राणा के गले में किस जगह ले जाकर कसा जाए। ..आज की ख़बर ये भी है कि 16 साल बाद तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण हुआ है तो इस उपलब्धि को किसके खाते में डाला जाए?..इसे आतंक के विरुद्ध देश की इच्छाशक्ति की जीत मानें ?..या इसे भी सियासी कोटे में बांटकर पार्टियों को क्रेडिट स्कोर दिये जाएं ?.आतंकवाद के खिलाफ़ एक होकर बोलने की बजाए क्रेडिट की लड़ाई लड़कर राजनीतिक दलों ने इससे पहले भी कई बार शर्मसार किया है। ..लेकिन उनकी बात बाद में करेंगे..।तहव्वुर राणा को NIA ने अमेरिका से लाये जाने के बाद 18 दिन की हिरासत में लिया है। ..कल रात 2 बजे NIA उसे कड़ी सुरक्षा में अपने अपने हेडक्वार्टर ले गई, जहां आज उससे पूछताछ शुरू हो गई। पहले दिन की पूछताछ में क्या हुआ, उसका ब्योरा देंगे